Lormi MLA Dharam jeet Singh Contact Number लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह मोबाइल नंबर

Lormi MLA Dharam jeet Singh Contact Number
Lormi MLA Details
लोरमी विधायक का विवरण
Name : Dharmjeet Singh धर्मजीत सिंह
Party : Janta Congress Chattisgarh (J)
Votes : Total 67742, Won by 25553 Votes
Father's Name : Late Kalpnath Singh
Age : 65
Address : R/O Nand Kishor Vihar, Near St. Pallotti Church, 27 Kholi, Vikas Nagar, Bilaspur (C.G.)
Email : dharamjeetlormi2018@gmail.com
Contact Number : 9425530734
Self Profession : Agriculture income, House Rent, MLA allowance, Income from investment
Spouse Profession : Govt. Pension, Dairy Business, Income from investment
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Useful Links :
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Disclaimer: This information is an archive of the candidate's self-declared affidavit that was filed during the elections. The current status of this information may be different. For the latest available information, please refer to the affidavit filed by the candidate to the Election Commission in the most recent election. 
अस्वीकरण: यह जानकारी उम्मीदवार के स्व-घोषित हलफनामे का एक संग्रह है जो चुनावों के दौरान प्रस्तूत की गई थी। इस जानकारी की वर्तमान स्थिति भिन्न हो सकती है। नवीनतम उपलब्ध जानकारी के लिए, सबसे हाल के चुनाव में उम्मीदवार द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे को देखें।

09.01.2019
विधायक धर्मजीत ने कहा-झीरम मामले की निष्पक्ष जांच होने तक एक मंत्री को हटाएं
रायपुर . विधानसभा में बुधवार 09.01.2019 विधायक धर्मजीत सिंह ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान झीरम हत्याकांड का उल्लेख करते हुए सरकार के एक मंत्री को घेरा। उन्होंने  कहा कि देश के इतिहास में ऐसा जघन्य हत्याकांड नहीं हुआ है।
एसआईटी जांच से इसकी परतें उधड़ेंगी। लेकिन कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंद कुमार पटेल की हत्या के पांच मिनट पहले जो चश्मदीद व्यक्ति वहां था, वह अब भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल का सदस्य है। यदि एसआईटी से निष्पक्ष जांच करवाना है तो जांच पूरी होने तक उससे इस्तीफा लिया जाए। सिंह ने कहा कि जांच की शुरूआत तो इसी व्यक्ति से होनी चाहिए। नंद कुमार पटेल से नक्सलियों ने क्या बात की, किस भाषा में की। वो क्यों मरे। वो क्यों बचे। यदि उसे मंत्री पद से नहीं हटाया जाता तो क्या एसआईटी में शामिल किसी भी अफसर में हिम्मत होगी उससे पूछताछ करने की? जांच में जो भी दोषी हो उसे जयस्तंभ चौक पर लाकर फांसी पर लटका दिया जाए तो भी यह सजा कम ही होगी। षडयंत्र में यदि किसी आईपीएस अफसर की भूमिका या चूक मिली तो क्या एसआईटी में शामिल आईपीएस अफसर की जांच कर सकेंगे।  जांच निष्पक्ष हो ताकि सीबीआई की तरह एसआईटी को भी तोता न कहा जाए। बल्कि जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए।

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