भाजपा उम्मीदवारों के घरों पर पत्थर फैंके जाने चाहिये : कांग्रेस विधायक चंद्रिकाबेन


Garbada MLA Details 
गरबाडा विधायक का विवरण
Name : Chandrika Ben Baria चंद्रिकाबेन बारिया
Party : Indian National Congress
Age : 53 (in 2017)
Email : ccbaria133garbadamla@gmail.com
Contact Number : 9825697212, 9067133133
Self Profession : Farming
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21.03.2021
गुजरात के पंचमहाल जिले में प्रचार के दौरान कांग्रेस की विधायक चंद्रिका बेन बारिया ने विवादित बयान दिया है। चंद्रिकाबेन ने लोगों को उकसाते हुए बीजेपी उम्मीदवारों के घर पर पथराव करने की सलाह दे दी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हाल ही में पंचायत चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों के घर पर पथराव करने के लिए कहा। उनका दावा है कि वे गलत तरीके से जीते है। चंद्रिकाबेन पंचमहला की मोरवा हड़फ सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंची थीं।
गुजरात के पंचमहला जिले के मोरवा हड़फ सीट का 17 अप्रैल को उप चुनाव होने वाला है। इसके चलते राजकीय सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को बचाने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत लगा रही है। इसी सीट पर प्रचार के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा जनसभा करने पहुंचे थे। इसी सभा के दौरान विधायक चंद्रिका बेन बारिया ने चौंकाने वाला बयान दिया। उनके बयान के बाद सभा में मौजूद लोग भी हैरान रह गए।
चंद्रिका बेन बारिया ने मुख्यमंत्री रूपाणी को भी अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर मुझको आने वाले विधानसभा चुनाव में हराना है तो मुख्यमंत्री को खुद मैदान में आना पड़ेगा। बता दें कि मोरवा हड़फ सीट दो मई को मतगणना होगी।
मोरवा हडफ सीट पर उपचुनाव की विशेष कहानी..
गुजरात में पंचमहाल जिले की मोरवा हड़प विधानसभा सीट से भूपेंद्र खांट ने 2017 में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था, लेकिन उनके अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को लेकर विवाद के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता को रद कर दिया था। विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां उनकी याचिका अभी भी लंबित है। लेकिन गत दिनों भूपेंद्र खाट का बीमारी के चलते निधन हो गया। भूपेंद्र राज्यपाल आचार्य देवव्रत के समक्ष भी गुहार लगाकर उनकी विधानसभा की सदस्यता को बहाल करने की मांग की थी, लेकिन राजभवन की ओर से भी उनकी मांग ठुकरा दी गई थी। मोरवा हडफ सीट आदिवासी बहुल पंचमहाल जिले में आती है तथा यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। भूपेंद्र खाट के पिता ओबीसी समाज से आते हैं, लेकिन उनकी माता आदिवासी थी। उनके जन्म के बाद माता अपने पीहर चली गईं और उनके साथ भूपेंद्र खांट अपने ननिहाल में ही रहे तथा वहां ही उनकी प्राथमिक शिक्षा हुई। केंद्र सरकार की एक अधिसूचना के मुताबिक, ननिहाल में रहकर शिक्षा पाने वाले बच्चों को उसकी माता के समुदाय का मान कर उसका प्रमाण पत्र बनाया जाता है तथा उसी आधार पर भूपेंद्र ने चुनाव लड़ा था।
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